अखबार में छपने के लिए चाहिए
सम्पर्क
जो नहीं हैं मेरे पास
खाली-सा बैठा हूँ मैं
आते हैं मेरे दोस्त तो
सुनाता हूँ कविता
सुनाते-सुनाते कहने लगता हूँ
और कहते-कहते बतियाने
दोस्त सुनते हैं अनमने से
कभी नाराज़ होते हैं तो
एकाध दफ़ा ख़ुश भी होते है
अब तो एकाध बार
यह भी कहते हैं
यार कविता न होती तो क्या होता
मेरे दोस्तों को बदल रही है कविता
मेरे दोस्त भी बदल रहे हैं कविता को
मेरे भीतर का कवि पिघल कर
रोज़ नया जन्म ले रहा है
हमने अखबार हटा दिए हैं
बीच में से
-संजय ग्रोवर
रचना तिथि: 29-07-1994
सम्पर्क
जो नहीं हैं मेरे पास
खाली-सा बैठा हूँ मैं
आते हैं मेरे दोस्त तो
सुनाता हूँ कविता
सुनाते-सुनाते कहने लगता हूँ
और कहते-कहते बतियाने
दोस्त सुनते हैं अनमने से
कभी नाराज़ होते हैं तो
एकाध दफ़ा ख़ुश भी होते है
अब तो एकाध बार
यह भी कहते हैं
यार कविता न होती तो क्या होता
मेरे दोस्तों को बदल रही है कविता
मेरे दोस्त भी बदल रहे हैं कविता को
मेरे भीतर का कवि पिघल कर
रोज़ नया जन्म ले रहा है
हमने अखबार हटा दिए हैं
बीच में से
-संजय ग्रोवर
रचना तिथि: 29-07-1994
sundar
जवाब देंहटाएंsanjay ji...bahut khub
जवाब देंहटाएं*********--,_
जवाब देंहटाएं********['****'*********\*****
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ !
मेरे दोस्तों को बदल रही है कविता
मेरे दोस्त भी बदल रहे हैं कविता को
मेरे भीतर का कवि पिघल कर
रोज़ नया जन्म ले रहा है॥
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! इस उम्दा रचना के लिए बधाई!
बहुत सटीक! आज के अखबारों को हर नागरिक और जन-कवि को 'हटा' देना चाहिए।
जवाब देंहटाएंकविताएं अब लिखी जाएंगी !
अखबार में छपने के लिए चाहिए
जवाब देंहटाएंसम्पर्क
जो नहीं हैं मेरे पास
Kitni sateek baat kahi hai..bahut khub..
भीतर चली गई ये कविता
जवाब देंहटाएंमेरे दोस्तों को बदल रही है कविता
जवाब देंहटाएंमेरे दोस्त भी बदल रहे हैं कविता को
मेरे भीतर का कवि पिघल कर रोज़ नया जन्म ले रहा है
मैं सामान्यतय: गद्य कवितायें पूरी नहीं पढ़ता, मगर आपकी कविताओं में एक विचित्र आकर्षण देखा है मैनें, बॉंधे रहती हैं और अंतिम छोर पर कुछ सोचने के लिये छोड़ देती हैं।
bahut badiyaa hai Sanjay bhai!
जवाब देंहटाएंबहुत सही ..आज कल अखबारों में हत्या के अलावा और समाचार भी क्या होते हैं ....
जवाब देंहटाएंदोस्त भी बदल रहे हैं ...यह पढ़ना अच्छा लगा ..कवीतायें बहुत कुछ बदलती हैं .
सर अब कोई जरुरत नहीं जुगाड़ की ब्लॉग हैं ना आप अपने दिल की बात जी खोल कर लिखिए ...हम है ना पढने केलिए.........
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा है आपन।
जवाब देंहटाएंPEHLE MAZAK-Bhai aajkal akbhar phadta bhi kaun hai.Doosri baat yeh
जवाब देंहटाएंRuh mein yunhi nagmon ko faramosh rehne de
kaun sunega deewane ko , kahmoosh rehne de
मेरे दोस्तों को बदल रही है कविता
जवाब देंहटाएंमेरे दोस्त भी बदल रहे हैं कविता को
मेरे भीतर का कवि पिघल कर
रोज़ नया जन्म ले रहा है॥
badhiya.........
सही है कविता परिवर्तन लाती है और खुद भी परिवर्तित होती है... अखबार की मध्यस्थता की कोई ज़रूरत नहीं.
जवाब देंहटाएंमेरे दोस्तों को बदल रही है कविता
जवाब देंहटाएंमेरे दोस्त भी बदल रहे हैं कविता को
मेरे भीतर का कवि पिघल कर
रोज़ नया जन्म ले रहा है
...........
यह बेहद सुखद है ! बस अख़बार न हो बीच मे !
Jo dost aapki kavita ko badalne ki koshish kar rahe hein, mumkin hai woh chhand rahit kavita ko pasand nahin karte hon. Is lie kuch un ke lie bhi ho jaey. kya khayal hai?
जवाब देंहटाएंaapka, SABIR HASAN RAEES.
badhiya...............:)
जवाब देंहटाएंमेरे भीतर का कवि पिघल कर
रोज़ नया जन्म ले रहा है॥
aapki dil ki jajbat kavita me jhalakti hai.....
जवाब देंहटाएंhar ek ko lagata hai ye meri kahani hai...
badhai....
akhbaro me ab bacha hi kya hai. bahut sahi kaha aapne " akhbar hata diye hai hamne beech mein se"
जवाब देंहटाएंजो जी में आरहा है, अर्ज है
जवाब देंहटाएंखूनखराबे का इश्तिहार देखिये
लीजिए आज काअखबार देखिये
अखबार बीच में नहीं है यानि
आज जी भर मुझे यार देखिये
दोस्त पर आपको विश्वास बहुत है
आस्तीन में छुपी दोधार देखिये
दोस्त को दुःख में पुकारा था
अब सारी उम्र इंतज़ार देखिये शफ्फ्कत
akhbaar sirf khabar prakaashit hoti hai jisme samvedanshilta nahi hoti. achha hai ye akhbaar hat jaaye aur kavita janm leti rahe duniya badalti rahe. achhi prastuti, badhai.
जवाब देंहटाएंकविताओं के लिए अखबार में जगह बची भी है क्या ???
जवाब देंहटाएंयूँ कविता भी बाजारवाद की चपेट में आ गया है और "जो दीखता है,वो बिकता है" की रह चल ही अपनी जगह बना पा रहा है...
यथार्थ पर चोट करती एक प्रभावशाली कविता..
ये अखबार हटाना अच्छा रहा...
जवाब देंहटाएंबहुत सही हैं ये कविता
जवाब देंहटाएं