कल जब सुनील भाई ने कहा कि टापिक बदलो और अनुराग भाई ने कहा हमें आपके स्वास्थ्य की चिंता होने लगी है। तो मुझे भी लगा कि माहौल बदला जाए। आज एक नयी और अप्रकाशित गज़ल पोस्ट कर रहा हूं:-
ग़ज़ल
उसको मैं अच्छा लगता था
मैं इसमें क्या कर सकता था
मैं इसमें क्या कर सकता था
एक ग़ज़ब की सिफ़त थी मुझमें
रोते-रोते हंस सकता था
रोते-रोते हंस सकता था
नज़र थी उसपे जिसके लिए मैं
फ़कत गली का इक लड़का था
फ़कत गली का इक लड़का था
जाने क्यूं सब दाँव पे रक्खा
चाहता तो मैं बच सकता था
चाहता तो मैं बच सकता था
मेरा ख़ुदको सच्चा कहना
उसे बुरा भी लग सकता था
उसे बुरा भी लग सकता था
मैं सब खुलकर कह देता था
कोई भी मुझ पर हंस सकता था
कोई भी मुझ पर हंस सकता था
मेरा उसको अच्छा कहना
उसे बुरा भी लग सकता था
उसे बुरा भी लग सकता था
बेहद ऊँचा उड़ा वो क्यूंकि
किसी भी हद तक गिर सकता था
किसी भी हद तक गिर सकता था
ख़ानदान और वंश के झगड़े !
मै तो केवल हंस सकता था
मै तो केवल हंस सकता था
-संजय ग्रोवर
बेहद ऊँचा उड़ा वो क्यूंकि
जवाब देंहटाएंकिसी भी हद तक गिर सकता था
वाह संजय जी वाह....बहुत खूब कहा है आपने...बधाई...
नीरज
"बेहद ऊँचा उड़ा वो क्यूंकि
जवाब देंहटाएंकिसी भी हद तक गिर सकता था"
ये पंक्तियाँ काफी अच्छी लगी ...
संजय भाई , आपकी ग़ज़लों में गज़ब की धार है .....हर शेर उम्दा और वजनदार...बधाईयाँ !
संजय ग्रोवर जैसा शायर
जवाब देंहटाएंऐसी बातें कह सकता था
Ye kya kah diya zalim....
जवाब देंहटाएंBhatnaagar ji aapne to maar hi daala...
Neeraj Goswami ji aur Raveendra Prabhat ji ne wahi sher pasand kiya jo khud mujhe behad pasand hai. Bahut-Bahut Shukriya.
बेहद ऊँचा उड़ा वो क्यूंकि
जवाब देंहटाएंकिसी भी हद तक गिर सकता था
बेहद खुबसूरत रचना....
जाने क्यूं सब दाँव पे रक्खा
जवाब देंहटाएंचाहता तो मैं बच सकता था
बहुत अच्छे दोस्त ....
उसको मैं अच्छा लगता था
जवाब देंहटाएंमैं इसमें क्या कर सकता था
sundar--sundar
बहुत अच्छी गजल। बधाई
जवाब देंहटाएंजाने क्यूं सब दाँव पे रक्खा
जवाब देंहटाएंचाहता तो मैं बच सकता था
umda sher!
bahut achchee gazal likhi hai!
Waah Waah Grover ji tusi vi....?
जवाब देंहटाएंChlo bhot bhot vdaiyan....!!
उसको मैं अच्छा लगता था
मैं इसमें क्या कर सकता था
Usko tu accha lagta tha
ek umda sa she'r kah sakta tha....??
bahut sunder wichar...
जवाब देंहटाएंoji harkiratji, gall saaf nai hoyi. Ai tusii vadhaayi ditti e ke mazaak marya e. Vaise maiN annu shaabaashi samajh ke aapni peeth thapthapaa litti e.
जवाब देंहटाएंउसको मैं अच्छा लगता था
जवाब देंहटाएंमैं इसमें क्या कर सकता था
एक ग़ज़ब की सिफ़त थी मुझमें
रोते-रोते हंस सकता था
grover sahab mujhe aapki gazal ka yah sher bahut achha laga. vaise to puri gazal hi bahtareen hai
बहुत बढिया....मज़ा आ गया..
जवाब देंहटाएंachhi rachna hai grover ji.
जवाब देंहटाएंबेहद ऊँचा उड़ा वो क्यूंकि
जवाब देंहटाएंकिसी भी हद तक गिर सकता था
वाह संजय जी आनन्द आ गया बधायी....