गज़ल
ऐसा नहीं कि भीड़ में शामिल नहीं हूं मैं
लेकिन धड़कना छोड़ दूं वो दिल नहीं हूं मैं
लेकिन धड़कना छोड़ दूं वो दिल नहीं हूं मैं
कुछ बाँझ ख्यालात का खूनी हूं गर तो क्या
उगती हुई उम्मीद का क़ातिल नहीं हूं मैं
उगती हुई उम्मीद का क़ातिल नहीं हूं मैं
दिल को हो दिल से राह, कोई ऐसी राह हो
घर में दरो-दिवार से दाखिल नहीं हूं मैं
घर में दरो-दिवार से दाखिल नहीं हूं मैं
गो नन्हा सा चिराग हूं, हूं तो तुम्हारे पास
क्या हो गया जो तारों की झिलमिल नहीं हूं मैं
क्या हो गया जो तारों की झिलमिल नहीं हूं मैं
रखता हूं दूर प्यार से हिसाब की क़िताब
आखिर पढ़ा-लिखा कोई जाहिल नहीं हूं मैं
आखिर पढ़ा-लिखा कोई जाहिल नहीं हूं मैं
कानून ही को कटघरे में लाए ना तो फिर
ऐसे किसी गुनाह का क़ायल नहीं हूं मैं
ऐसे किसी गुनाह का क़ायल नहीं हूं मैं
खोले बिना ही रस्सियां खेते रहें जो नाव
उनकी हदों के पास का साहिल नहीं हूं मैं
उनकी हदों के पास का साहिल नहीं हूं मैं
रफ्तारे-ज़िन्दगी को हूं हरदम नया सवाल
हारे हुए जवाबों की महफिल नहीं हूं मैं
हारे हुए जवाबों की महफिल नहीं हूं मैं
-संजय ग्रोवर
अच्छी गजल है।बढिया लिखा है-
जवाब देंहटाएंखोले बिना ही रस्सियां खेते रहें जो नाव
उनकी हदों के पास का साहिल नहीं हूं मैं
ग्रोवर साहब बहुत अच्छे
जवाब देंहटाएंगुलाबी कोंपलें
चाँद, बादल और शाम
ग़ज़लों के खिलते गुलाब
ऐसा नहीं कि भीड़ में शामिल नहीं हूं मैं
जवाब देंहटाएंलेकिन धड़कना छोड़ दूं वो दिल नहीं हूं मैं
बढ़िया कहा आपने
रखता हूं दूर प्यार से हिसाब की क़िताब
जवाब देंहटाएंआखिर पढ़ा-लिखा कोई जाहिल नहीं हूं मैं
बहुत बढिया.
कुछ बाँझ ख्यालात का खूनी हूं गर तो क्या
जवाब देंहटाएंउगती हुई उम्मीद का क़ातिल नहीं हूं मैं
Lajawaab ....Umda
behtareen sher
रखता हूं दूर प्यार से हिसाब की क़िताब
जवाब देंहटाएंआखिर पढ़ा-लिखा कोई जाहिल नहीं हूं मैं
bahut achhe ....khoob...
कुछ बाँझ ख्यालात का खूनी हूं गर तो क्या
जवाब देंहटाएंउगती हुई उम्मीद का क़ातिल नहीं हूं मैं
kya baat hai. bahut hi badiya.aapki lekhani wakai lajwaab hai.
sabhi hazraat ka bahut-bahut shukriya.
जवाब देंहटाएंsabhi hazraat ka bahut-bahut shukriya.
जवाब देंहटाएंगो नन्हा सा चिराग हूं, हूं तो तुम्हारे पास
जवाब देंहटाएंक्या हो गया जो तारों की झिलमिल नहीं हूं मैं
bahut khoob
ये मैं अविनाश दस के लिए लिखा है ताकि आप लोग उस लड़की के बारें में भी जान सकें. आप लोगों को इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि ये टिप्पणी मैंने उनके ब्लॉग पर दिया है जो छपेगी नहीं. इसलिए आप लोगों को कर रहा हु. वो तो केवल सकारात्मक टिप्पणियां ही पोस्ट कर रहे है आपने ब्लॉग पर.
जवाब देंहटाएंपिछले जितने दिनों से यह प्रकरण सतह पर आया है उस दिन से आप जो कम कर रहे है वो ये कि आप आपने पक्ष में एक लॉबी तैयार करने कि कोशिश कर रहे है. आप स्त्रीवादी बनते है और स्त्री स्वतंत्रता कि बात करते है. ताकि उसके पीछे अपनी छुपी हुयी इच्छाओं को पूरा कर सकें. मैं आप से भी मिला हूँ और आप से ज्यादा उस लड़की को. लेकिन ये मत समझियेगा कि वो अकेले है. आपको मिले कमेन्ट में कहां गया है कि ये सफलता पाने का शोर्ट कट है. ऐसा बिना उस लड़की को जाने लोग कैसे कह सकते है. आप लॉबी बनते रहिये. मुझे बहुत दुःख है. जो आपने किया. ये अभी आपके साथ कुछ भी नहीं हुआ है. आप दूसरे कि कमियों का पर्दाफाश करते है और ख़ुद कि कमिया जब उजागर होने लगी तो लॉबी बनाने लगे. जो सच है उसे उजागर कीजिये. आप बहुत पाक साफ है तो आप उसी दिन खुल कर मीडिया के सामने क्यों नहीं आए. ब्लॉग का सहारा क्यों ले रहे है. शब्दों का जल तो बुनने आपको आता ही है और उसी से आप लोगों को गुमराह करने कि कोशिश कर लोगों कि भावनाओं से खेल रहे हैं. और जो anonymous है, जो आपके साथ है वो खुल कर क्यों सामने नहीं आता है. क्या उसके पास दम नहीं है. और ये अब अनुमति देकर क्यों कमेन्ट स्वीकार कर रहे है पहले तो ऐसा नहीं था. इसका मतलब आप दोषी हैं.
bhai mere, awaam ji, na to maiN vyaktigat rup se aapko jaanta na kisi Avinash ko na us ladki ko, na kisi anyamanask(Anonymous)ko. Ye saara gorakhdhandha meri samajh se katai baahar.
जवाब देंहटाएंKahin apne-apne blog hit karaane ka koi KHEL to nahiN hai ye?
बहुत शानदार रचना...मेरे ब्लौग का अनुसरण करने के लिये धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबेहद ऊँचा उड़ा वो क्यूंकि
जवाब देंहटाएंकिसी भी हद तक गिर सकता था
बेहद खुबसूरत रचना....
गो नन्हा सा चिराग हूं, हूं तो तुम्हारे पास
जवाब देंहटाएंक्या हो गया जो तारों की झिलमिल नहीं हूं मैं
रखता हूं दूर प्यार से हिसाब की क़िताब
आखिर पढ़ा-लिखा कोई जाहिल नहीं हूं मैं
बहुत खूब लिखा साहिब!
दूर प्यार से हिसाब की किताब...
है घाटे का सौदा मुहब्ब्त सदा
हिसाब अब लिखें कि जबानी करें
श्याम सखा