TUMHARI KHOJ ME said...
बीमारी खोजन की खातिर तो हम यहां पहुंचल बा बबुआ। इ जो खिसियाए रहो हो, इ कि दरकार न बा। हम तुहार दुसमन न बा। और कीडा कव्वा हम तोहके न बोले रहिन इ तो मुहावरे हैं, अगर ठेस पहुंची हो तो बाइज्जत हम शर्मिंदा बा। पर बबुआ अब ऐंठ छोड दो और नाराजगी भी, क्योंकि हम इहां झगडा करन खातिर नहीं आइल। जब समय आइ तो पहचान भी हो जाइ और पोस्ट भी लग जाइ । और हम इहां अभिमन्यु को बचान खातिर आई शहीद करन खातिर नाहीं। अगर अब भी लगत है कि हम तो पे वार करत हैं तो इ तुहार बुद्वि, पर बबुआ आपन दिमाग और ऊर्जा अच्छे काम खातिर लगा। और ई गुल्लक, तिजोरी की बात छोडि के आपन हाथ फैलाओ और दुनिया को थोडे बडे चश्मे से देखन की कोसिस करो। इ दुनिया बहुत खूबसूरत बा।
(पिछली पोस्ट पर अब तक की आखि़री टिप्पणी)
No east or west,mumbaikar or bihaari, hindu/muslim/sikh/christian /dalit/brahmin… for me.. what I believe in logic, rationality and humanity...own whatever the good, the logical, the rational and the human here and leave the rest.
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- ‘व्यंग्य-कक्ष’ में पढ़िए **साहित्य में आतंकवाद** श्...
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- ‘व्यंग्य-कक्ष’ में पढ़िए #~~~साहित्य में आतंकवाद~~~...
- व्यंग्य-कक्ष में *****अगर तुम न होते*****
- अंततः एक गॉडफादर !?
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जवाब देंहटाएंसुंदर!
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!
Bahut sundar baat kahee aapne.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }