गुरुवार, 1 जनवरी 2009

ए नए साल बता

ai naye Saal Bataa, Tujh Mein Naya-Pan Kya Hai
Har Taraf Khalq Ne Kyun Shoor Macha Rakha Hai

Roshni Dinn Ki Wohi, Taroo Bhari Raat Wohi
Aaj Hum Ko Nazar Aati Hai Har Baat Wohi

Aasmaan Badla Hai Afsoos, Na Badli Hai Zamein
Ek Hindsey Ka Badalna Koi Jiddat Tou Nahien

Agley Barsoun Ki Tarha Houn Ge Qareeney Tere
Kisey Maloom Nahien Barah Maheeney Tere

January, Faburary Aur March Mein ParDey Sardi
Aur April, May, June Mein Ho Gi Garmi

Tera Mann Dahar Mein Kuch Khoye Ga Kuch Paye Ga
Apni Maiyaad Bassar Kar Kay Chalaa Jaaye Ga

Tu Naya Hai Tou Dikha Subha Nayi, Shaam Nayi
Warna Inn Aankhoun Ney Dekhey Hein Naye Saal Kayi

Be-Sabbab Daytey Hein Kyun Loog Mubaaraqbaadein
Ghaliban Bhool Gaye Waqt Ki KarDwi Yaadein

Teri Aamad Se Ghatti Ummar, Jahaan Mein Sab Ki
Faiz Ney Likhi Hai Yeh Nazam Niraaley Dhabb Ki

Poet: Faiz Ahmed Faiz-------------------------------------------------------------------------

20 टिप्‍पणियां:

  1. आपको एवं आपके समस्त मित्र/अमित्र इत्यादी सबको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎं.

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  2. 2009 का स्वागत अपनी आन्तरिक मुस्कान के साथ करे। कलैण्डर के पन्ने पलटने के साथ साथ हम अपने मन के पन्नो को भी पलटते जाये। प्रायःहमारी डायरी स्मृतियो से भरी हुई होति है। आपदेख कि आपके भविष्य के पन्ने बीती हुई घटनाओ से न भर जाये। बीते हुये समय से कुछ सिखे, कुछ भुले, और आगे बढे।
    हे प्रभु यह तेरापथ के परिवार कि ओर से नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये।

    कल जहॉ थे वहॉ से कुछ आगे बढे,
    अतीत को ही नही भविष्य को भी पढे,
    गढा हैहमारे धर्म गुरुओ ने सुनहरा इतिहास ,
    आओ हम उससे आगे का इतिहास गढे

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  3. Hi there,

    Nothing has change in the new year but still alot has changed for a lot of people all aorund the world and they all must be wondering, why this change?

    Good poem and Happy New Year!!

    जवाब देंहटाएं
  4. Teri Aamad Se Ghatti Ummar, Jahaan Mein Sab Ki
    Faiz Ney Likhi Hai Yeh Nazam Niraaley Dhabb Ki


    beshak ye gazal to nirale hi dhang ki hai ,kis tarh dard simta sa pada hai yahan ...........
    bahut khoob .

    जवाब देंहटाएं
  5. bahut acche, excellent poem dear naye saal me naye vichaaro ke saath aap naye aayam banaye. inhi kamnao ke saath

    jack
    view my blog www.yadokasafar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  6. naya nazria tha neye sal ko dekne ka. achha laga. galib ne theek hi kaha tha ki dil ko bahlane ka yeh khayal( new year celebration) achha hai.meri hardik shubh kamnain. guru bas date raho

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  7. आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎं.


    hindi mein likhne ke liye yahan type karen roman mein likhen hindi mein type ho jaata hai--phir copy-kar ke paste kar len--
    -word verification ko hata dijeeye-- blogs ki settings mein comments mein jaa kar set kar saktey hain.
    -word verification comments likhne walon ko discourage karta hai--
    Thanks :)

    जवाब देंहटाएं
  8. http://www.google.com/transliterate/indic

    yah us iste ka address hai jahan aap online roman mein likh kar devnagari[hinid] fonts mein badal saktey hain-

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  9. bhaut acchi kavita , gazhal hai...
    kaafi accha laga padh kar...

    naya saal mubaark ho

    जवाब देंहटाएं
  10. kamaal hai na...aisi post par bhi comment me log naye saal ki mubarakbaad dete hain!
    accha raha faiz ko padhna.shukriya.kripya word verification hata dein, comment dene me asuvidha hoti hai.

    जवाब देंहटाएं
  11. naye saal ko shayad aapne hi achche se jana hai varna duniya mein sabhi shubhkamnayein hi dete hain yeh jante huye ki ab umra ka ek sal kam ho gaya hai.......aapka nazariya achcha laga

    जवाब देंहटाएं
  12. नए साल में नया क्‍या है
    अपने खुश होने का बहाना क्‍या है
    हकीकत को रुबरू कैसे करें
    इस जिंदगी में नया क्‍या है
    मेरे होने में नया क्‍या है
    मेरे मिटने में नया क्‍या है

    कुछ भी लिखने में नया क्‍या है
    हर नये में नया क्‍या है

    सुबहो शाम में नया क्‍या है
    सोने जगने में नया क्‍या है

    हुस्‍न ए उल्‍फत में नया क्‍या है
    एक चमडी की हकीकत क्‍या है
    अपने इल्‍म का फायदा क्‍या है
    काम यह कहीं आता क्‍या है

    मत पूछो नया साल लाता क्‍या है
    कहिए इंसा नया करता क्‍या है

    सच नए साल में नया क्‍या है
    नई नजर में कुछ नया क्‍या है ?

    किसी ने पूछा जिंदगी क्‍या है
    हमने पूछा जीने का बहाना क्‍या है

    नई नजर हो तो सब कुछ नया है
    नया साल भी नया है
    पुराना यार भी नया है
    करोडों साल का बूढा सूरज
    रोज सबेरे नया नया है
    रात में करते झिलमिल तारे
    खरबों साल से नए नए हैं
    इक बूढे की बूढी प्रियतम
    प्रेम नयन से नई नई है

    बच्‍चे की निश्‍छल ऑंखों में
    बूढी दुनिया नई नई है

    नई ऑंखें हों हर दिन नया है
    नया साल को भी इंसा ही बनाता नया है
    जीने के लिए कुछ झूठ भी चाहिए
    इस काम में चहिए सिर्फ हकीकत कहॉ है


    नया वर्ष के लिए हार्दिक शुभकामनाऍं ।
    नई सूझ नित आपके जेहन में आऍं :)

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  13. नज्‍म को देवनागरी में कर दें तो पढने में ज्‍यादा आनंद आयेगा ।

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  14. अरे इसे ट्रांसलिट्रेट क्यों नहीं किया?

    जवाब देंहटाएं
  15. हिन्दी में कर देते तो आनन्द दुगुना हो जाता ।
    प्रस्तुति का आभार ।
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।

    जवाब देंहटाएं

कहने को बहुत कुछ था अगर कहने पे आते....

देयर वॉज़ अ स्टोर रुम या कि दरवाज़ा-ए-स्टोर रुम....

ख़ुद फंसोगे हमें भी फंसाओगे!

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ढूंढो-ढूंढो रे साजना अपने काम का मलबा.........

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