क्या तुम अच्छा गा सकते हो ?
गाकर भीड़ लगा सकते हो ?
भीड़ को सम्मोहित करके तुम
क्या नारा लगवा सकते हो ?
भीड़ तालियां भीड़ ही थप्पड़-
ख़ुदको यह समझा सकते हो ?
अब तक जो होता आया है
क्या फिर से करवा सकते हो ?
तुमसे क्या अब बात छुपाना-
क्या तुम घर पर आ सकते हो ?
अपने दिल की बात बताकर
मेरे दिल तक आ सकते हो ?
क्या बोला, मैं नया-नया हूं
ठीक है फिर तुम जा सकते हो
-संजय ग्रोवर
14-02-2020
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कहने को बहुत कुछ था अगर कहने पे आते....