ग़ज़ल
ग़ायब का तू वक़ील है तो मुझको माफ़ कर
साज़िश तेरी दलील है तो मुझको माफ़ कर
24-06-2015
चेहरे पे तेरे होगी कबूतर-सी इक अदा
आंखों में तेरी चील है तो मुझको माफ़ कर
औरों की तरह गिरने को मैं भी कहूं उठना!
ऐसी तेरी अपील है तो मुझको माफ़ कर
बदनामी से बचने को बेईमान बन गया!
अब डर से ख़ुद ज़लील है तो मुझको माफ़ कर
माना पतंग तेरी बहुत ऊंची उड़ गई
उसमें लगी कंदील है तो मुझको माफ़ कर
शातिर है तू ख़ातिर तिरी होगी जगह-जगह
लोगों की दी ये ढील है तो मुझको माफ़ कर
लोगों ने तुझपे चोट की, तू मुझमें धंस गया!
ऐसी अगर तू कील है तो मुझको माफ़ कर
-संजय ग्रोवर
25-06-2015
ग़ायब का तू वक़ील है तो मुझको माफ़ कर
साज़िश तेरी दलील है तो मुझको माफ़ कर
24-06-2015
चेहरे पे तेरे होगी कबूतर-सी इक अदा
आंखों में तेरी चील है तो मुझको माफ़ कर
औरों की तरह गिरने को मैं भी कहूं उठना!
ऐसी तेरी अपील है तो मुझको माफ़ कर
बदनामी से बचने को बेईमान बन गया!
अब डर से ख़ुद ज़लील है तो मुझको माफ़ कर
माना पतंग तेरी बहुत ऊंची उड़ गई
उसमें लगी कंदील है तो मुझको माफ़ कर
शातिर है तू ख़ातिर तिरी होगी जगह-जगह
लोगों की दी ये ढील है तो मुझको माफ़ कर
लोगों ने तुझपे चोट की, तू मुझमें धंस गया!
ऐसी अगर तू कील है तो मुझको माफ़ कर
-संजय ग्रोवर
25-06-2015
ग़ायब=छुपा हुआ, निराकार, अप्रकट,invisible
दलील=तर्क, कारण, युक्ति,
साज़िश=षड्यंत्र, बदनीयत, कमज़ोर, दोमुंहे और घुन्ने लोगों द्वारा किसीकी ग़ैरजानकारी में उसे गिराने, मारने या बदनाम करने का सामूहिक प्रयत्न,
ज़लील=अपमानित,
शातिर=धूर्त्त, काईयां,cunning
दलील=तर्क, कारण, युक्ति,
साज़िश=षड्यंत्र, बदनीयत, कमज़ोर, दोमुंहे और घुन्ने लोगों द्वारा किसीकी ग़ैरजानकारी में उसे गिराने, मारने या बदनाम करने का सामूहिक प्रयत्न,
ज़लील=अपमानित,
शातिर=धूर्त्त, काईयां,cunning
vaah
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