सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

बैन करेगा क्या / ख़ुद क़िताब हो लें

Photo By Sanjay Grover
ग़ज़ल

आओ सच बोलें
दुनिया को खोलें

झूठा हंसने से
बेहतर है रो लें

पांच बरस ये, वो
इक जैसा बोलें

अपना ही चेहरा
क्यों ना ख़ुद धो लें

राजा की तारीफ़
जो पन्ना खोलें !

क्या कबीर मंटो-
किस मुह से बोलें !

सबको उठना है-
सब राजा हो लें ?

वे जो थे वो थे
हम तो हम हो लें

बैन करेगा क्या
ख़ुद क़िताब हो लें

-संजय ग्रोवर
01-10-2018

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कहने को बहुत कुछ था अगर कहने पे आते....

देयर वॉज़ अ स्टोर रुम या कि दरवाज़ा-ए-स्टोर रुम....

ख़ुद फंसोगे हमें भी फंसाओगे!

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ढूंढो-ढूंढो रे साजना अपने काम का मलबा.........

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