सोमवार, 28 मार्च 2016

तुम कैसे हो इससे इनको क्या लेना





मुर्दाघर की रौशन दुनिया कर देंगे
तुम जागे तो मुर्दे हत्या कर देंगे

लाशें, मोहरे, कठपुतली या भाषणबाज़
बड़ा बनाकर तुमको क्या-क्या कर देंगे

ठगों के झगड़ों में क्या सच क्या झूठ भला
ये तो बस हर रंग को धुंधला कर देंगे

तुम सोचोगे तुम्हे प्रकाशित कर डाला
चारों जांनिब घुप्प अंधेरा कर देंगे

जिनके लिए अच्छाई है सिर्फ़ अदाकारी
वो हर बढ़िया चीज़ को घटिया कर देंगे

तुम कैसे हो इससे इनको क्या लेना
सोचो तुमको घोषित क्या-क्या कर देंगे

-संजय ग्रोवर
28-03-2016

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (30-03-2016) को "ईर्ष्या और लालसा शांत नहीं होती है" (चर्चा अंक - 2297) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. मुर्दाघर की रौशन दुनिया कर देंगे
    तुम जागे तो मुर्दे हत्या कर देंगे

    लाशें, मोहरे, कठपुतली या भाषणबाज़
    बड़ा बनाकर तुमको क्या-क्या कर देंगे

    vartman parishthitiyo ka sach ujagar karti umda rachna ... gud evng jsk :)

    जवाब देंहटाएं
  3. संजय जी,
    नमस्कार!!!
    आपका ब्लॉग (samwaadghar.blogspot.in) पढ़ा । आपको हिंदी के एक सशक्त मंच के सृजन एवं कुशल संचालन हेतु बहुत-बहुत बधाई !!!
    खास बात ये है की आपके हर आर्टिक्ल मे कुछ नयी और बेहद रोचक जानकारी होती है ।
    इन्टरनेट पर अभी भी कई बेहतरीन रचनाएं अंग्रेज़ी भाषा में ही हैं, जिसके कारण आम हिंदीभाषी लोग इन महत्वपूर्ण आलेखों से जुड़े संदेशों या बातों जिनसे उनके जीवन में वास्तव में बदलाव हो सकता है, से वंचित रह जाते हैं| ऐसे हिन्दीभाषी यूजर्स के लिए ही हम आपके अमूल्य सहयोग की अपेक्षा रखते हैं ।

    इस क्रम में हमारा विनम्र निवेदन है कि आप अपने लेख शब्दनगरी "www.shabdanagri.in" पर आपके नाम के साथ प्रकाशित करें । इस संबंध में आपसे विस्तार से बात करने हेतु आपसे निवेदन है की आप हमसे अपना कोई कांटैक्ट नंबर शेयर करें ताकि आपके रचना प्रकाशन से संबन्धित कुछ अन्य लाभ या जानकारी भी हम आपसे साझा कर सकें ।
    साथ ही हमारा यह भी प्रयास होगा की शब्दनगरी द्वारा सभी यूज़र्स को भेजी जानी वाली साप्ताहिक ईमेल में हम आपके लेखों का लिंक दे कर, आपकी रचनाओं को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाएँ ।
    उम्मीद है हमारी इस छोटी सी कोशिश में आप हमारा साथ अवश्य देंगे ।
    आपके उत्तर की प्रतीक्षा है ...

    धन्यवाद,
    संजना पाण्डेय
    शब्दनगरी संगठन
    फोन : 0512-6795382
    ईमेल-info@shabdanagari.in

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