महोदय,
निम्न शिकायती पत्र मैंने टाटा टेलि सर्विसेज़, हैदराबाद को 25-01-2010 को भेजा था जिसका आज तक कोई जवाब नहीं आया है।
प्रति,
(यह पत्र 20-11-2010 को delhigovtmediation@gmail.com ईमेल पते पर भेजा गया। इसी तिथि के जनसत्ता में छपे एक विज्ञापन से यह ईमेल लिया गया।)
टाटा टेलिसर्विसेज़ लि.,
5-9-62, के. एल. के. ऐस्टेट,
फतेह मैदान रोड,
हैदराबाद-500 001
विषय:- पिछले अनुभवों के कारण पी.सी.ओ. सरेडर को लेकर संशय और दुविधा के संदर्भ में
महोदय,
जैसा कि आपकी जानकारी में होगा ही कि मैं पिछले कुछ वर्षों से टाटा के विभिन्न पी.सी.ओ. चलाता रहा हूं। अब मैं दो सी.सी.बी. (नं. 011-69907174 और 69907175) और एक पारसेक कनेक्शन (नं. 011-68900587) सरेंडर करना चाहता हूं। परंतु इस संदर्भ में मेरे पिछले अनुभव चूंकि अच्छे नहीं हैं, इसलिए तय करना मुश्किल हो रहा है कि सरेंडर के लिए कौन-सी जगह उपयुक्त होगी। आए दिन डिस्ट्रीब्यूटर्स बदल जाते हैं या बंद हो जाते हैं। इस संदर्भ में 1281 और 12545 से लेकर कई डिस्ट्रीब्यूटर्स और ए बी यू डिपार्टमेंट तक लगभग हर संबंधित जगह पर बात कर ली पर कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
अब आप ही मेरी समस्या का समाधान करें और बताएं कि ये तीनों कनेक्शनस् कहां और कैसे सरेंडर करुं।
साथ ही पिछले मामलों में भी न्यायपूर्ण कार्यवाई करते हुए मेरी धनराशि वापिस दिलवाने की कृपा करें।
पी.सी.ओ. मैं बंद कर चुका हूं।
पुराना पता:-
संजय ग्रोवर
76ए, पॉकेट एल,
दिलशाद गार्डन,
दिल्ली-110095
नया और स्थाई पता:-
संजय ग्रोवर
147 ए, पॉकेट ए,
दिलशाद गार्डन,
दिल्ली-110095
फ़ोन नं.: 011-43029750
मोब.: 09910344787
Email : samvadoffbeat@yahoo.co.in
दिनांक: विनम्र अग्रिम धन्यवाद और शुभकामनाओं सहित
संजय ग्रोवर
147 ए, पॉकेट ए,
दिलशाद गार्डन,
दिल्ली-110095
फ़ोन नं.: 011-43029750
मोब.: 09910344787
Email : samvadoffbeat@yahoo.co.in
संलग्न:-
1. पिछली सिक्योरिटी राशि से संबंधित पत्र, सभी पूरक प्रपत्रों की फ़ोटो-प्रतियों सहित
COPY TO :-
1. टाटा टेलिसर्विसेज़ लि., दिल्ली
2. कंज़्यूमर फोरम
3. मानवाधिकार आयोग
संलग्न पत्र की प्रति :
प्रति,
टाटा इण्डीकॉम,
टाटा टेलिसर्विसेज़,
ए बी यू डिपार्टमेंट,
24, ओल्ड ईश्वर नगर,
मथुरा रोड, नयी दिल्ली
विषय:- टाटा इण्डीकॉम द्वारा PTB (No.91-11-69431853) का सिक्योरिटी-रिफन्ड न देने से लेकर ‘‘भविष्य का पी.सी.ओ.’’ PARSEC (N0.91-11-68900587) तक में देरी, छलावा, दुर्व्यवहार व लापरवाहियों के चलते पहँुची आर्थिक, मानसिक, व्यापारिक व सामाजिक हानि के संदर्भ में
महोदय,
निवेदन है कि टाटा इण्डीकॉम का एक पी. टी. बी. (पी. सी. ओ. श्रेणी) कनेक्शन मैंने रु.20,000/- में 24-12-2003 को लिया था। तब से अब तक मुझे क्या-क्या झेलना पड़ा, उसका सविस्तार वर्णन निम्नांकित हैः-
1. कंपनी के सेल्समैन श्री संतोष सिन्हा ने जिस आयताकार बूथ का वायदा किया था, वह मुझे नहीं दिया गया। ग़लत जगह पर ग़लत बूथ (Triad) डिलीवर करके कंपनी के कर्मचारी चलते बने। बाद में मेरे लिखे रजिस्टर्ड पत्र का भी कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया। सीमित आर्थिक संसाधनों और पारिवारिक मजबूरियों के चलते मुझे मन मार कर उसी बूथ से काम शुरु करना पड़ा। (संबंधित साक्ष्य संलग्न)
2. उस वक़्त यह कनेक्शन (तब का नं. 91-11-55531853) पोस्टपेड था। कुछ कंपनी की और कुछ मेरी लापरवाहियों के चलते मैंने 2493 रु. ज़्यादा जमा करा दिए। बार-बार फोन करने पर कंपनी 2493/- का चैक शीघ्र भेजने की हामी तो भरती रही मगर भेजा आज तक नहीं है। ( संबंधित साक्ष्य संलग्न )
3. फिर कंपनी ने किक्रेट हंगामा योजना का ऐलान किया। 1 अप्रैल 2006 से 31 मार्च 2007 तक चलने वाली इस योजना के तहत हर 10रु. पर 1रन मिलता था और एक साल बाद स्कोर के आधार पर पी.सी.ओ. वालों को इनाम दिए जाने थे। कंपनी के पी.सी.ओ. हेल्पलाइन/इंक्वायरी नं. 1281 द्वारा समय-समय पर बताए गए मेरे स्कोर्स इस प्रकार थेः-
69431853 ; ( P.T.B.) 3193
69907174 ; ( C.C.B) 1347
69907175 ; ( C.C.B) 1200
TOTAL 5730
निश्चित तिथि के काफी बाद तक भी जब इनामों की घोषणा नहीं हुई तो मैंने कंपनी के दिल्ली कार्यालय व हैदराबाद मुख्य कार्यालय के नंबर पर (क्रमशः 19-08-2007 व 26-07-2007) एक फैक्स किया। उसका नतीजा यह हुआ कि कंपनी और डिस्ट्रीब्यूटर दोनों एक सुर में कहने लगे कि आपका स्कोर इतना नहीं इतना है। इस तरह मेरे 69431853 ( P.T.B.) के स्कोर 3193 के हिसाब से बनने वाला मेरा इनाम टी सी एल डीलक्स स्अील आयरन ( प्रेस ) भी मार लिया गया। ( संबंधित साक्ष्य संलग्न )
4. एक सेल्समैन ने मुझे टाटा की नयी बहुआयामी योजना PARSEC ( स्वागत है एक नए युग में) से परिचित कराया । ब्रोशर के अनुसार इसमें कुछ सुविधाएं तत्काल उपलब्ध थी व कुछ अभी करायी जानी थीं। इधर मुझे डिस्ट्रीब्यूटर राजीव जैन, डी. आर. ई. दिनेश और पुनीत ने बताया कि 69431853 ( P.T.B.) सरेंडर करने पर आपको तकरीबन 14000/- रु. रीफंड मिल जाएगा। आर्थिक स्थिति ठीक न होने बावजूद मैंने 9100/- का
PARSEC इसलिए ले लिया कि इसमें उपलब्ध सुविघाओं के चलते बिज़नेस भी बढ़ेगा और संभवतः बचे हुए सिक्योरिटी रिफंड से कुछ और काम भी किए जा सकेंगे। मगर हुआ उल्टा। कल्पना नहीं थी कि नए युग में हमारा स्वागत इस तरह होगा। 4 अगस्त 2007 को मेरे डिस्ट्रीब्यूटर ( विशाल मार्केटिंग, 195 GF, राम विहार, दिल्ली-52) के डी.आर.ई. पुनीत ने बूथ छोड़कर बाकी सब सामान उठा लिया। और Retreival Receipt ( नं. 122256) मुझे दे दी। 17-11-2007 को उसने बूथ भी उठा लिया। (संबंधित साक्ष्य संलग्न)
उसके बाद मेरे द्वारा टाटा इण्डीकॉम के पी.सी.ओ. हेल्पलाइन/इंक्वायरी नं. 1281 के साथ हुई पूछताछ का सिलसिला इस तरह चला (जितना मैं रिकॉर्ड रख पाया)ः-
दिनांक /कॉल सेंटर (1281/12545) ऑपरेटर का नाम/कंपलेण्ट नं./ कॉल सेंटर कर्मी का जवाब
04-12-07 सचिन 9570035
07-12-07 प्रभु reminder
14-12-07 निशांत reminder
17-12-07 राजन reminder कंपलेण्ट सीनियर को दे रहा हँू। जल्द रीफंड आ जाएगा।
20-12-07 शेखर reminder वही
24-12-07 विकास reminder 48 घण्टे में हो जाएगा।
27-12-07 शैली reminder 2 अक्टूबर से 3 महीने बाद यानि 2 जनवरी तक आ जाएगा।
31-12-07 मुनेष reminder 72 घण्टे में हो जाएगा।
01-01-08 अभिनव reminder कम्पलेण्ट सीनियर को दे रहा हूँ मैनुयली
04-01-08 शैली reminder 48 घण्टे में बता देंगे।
10-01-08 आरिफ 100799869 कोई शिकायत दर्ज नहीं है। नई दर्ज कर रहा हँू।
28-01-08 कबीर reminder 48 घण्टे में कॉल आ जाएगी
01-02-08 नितिन reminder 15 दिन में चैक मिल जाएगा।
08-02-08 अशोक reminder 4 फरवरी को कार्यवाही हुई है। कुछ दिन में चैक पहुँच जाएगा।
12-02-08 मनीष reminder फलां नंबर पर फैक्स कर दीजिए।(मैने कहा कर दिया है।)
13-02-08 अंशुल 1015429661 फिरनई कंपलेण्ट
21-02-08 शमीम reminder आपका कोई रीफण्ड नहीं बनता। डिस्ट्रीब्यूटर से सामान वापिस ले लीजिए। (डिस्ट्रीब्यूटर फोन नहीं उठाता।)
21-02-08 मनीष reminder काम चल रहा है। 48 घण्टे तक कार्यवाही होगी।
22-02-08 अनीषा reminder मथुरा रोड वाले ऑफिस से जानकारी लीजिए।
25-02-08 कुमार reminder 48 घण्टे और दीजिए।
28-02-08 मनीष reminder मथुरा रोड जाओ। डिस्ट्रीब्यूटर की कंपलंण्ट यहाँ नहीं लिखी जाएगी।
किसी तरह नैट पर ओखला के नंबर ढूंढे। और वहाँ फोन किया।
04-03-08 प्रभात 15-20 दिन में चैक पहुँच जाएगा।
06-03-08 प्रभात वही
25-03-08 प्रभात टैक्नीकल ऐरर है। हैदराबाद ठीक होने गए हैं। आते ही खुद फोन करुंगा।
फिर 1281 की शरण ली।
07-04-08 शैली 113311553 72 घण्टे में सूचना दी जाएगी।
03-05-08 अंशुल 116951679 वही
14-06-08 राजेंद्र 122934145 72 घण्टे में चैक रिसीव हो जाएगा।
इस दौरान हिमांशु अवस्थी, भावना, संदीप आदि कई लोगों से बात हुई। कभी एक-दूसरे पर डाल कर तो कभी अन्य तरीकों से सभी मुझे टरकाते रहे। हैदराबाद और मथुरा रोड के नंबरों पर कई फैक्स भी किए। पर नतीजा कुछ नहीं। कभी कहते हैं कि आपका सामान नहीं पहुँचा है। तो कभी कहते हैं कि कम पहुँचा है। कभी कहते हैं कि यह सेल-पैकेज था, इसमें सामान आपका ही हो जाता है। तो मैंने कहा कि फिर आपने सामान उठाया क्यों और यह बात बताने में आपको 6 महीने क्यों लग गए? कभी कहते हैं कि यह बाई-बैक पैकेज था, इस पर निर्णय कंपनी में पैंडिंग हैं। कभी वही कि जाओ डिस्ट्रीब्यूटर से बात करो। डिस्ट्रीब्यूटर पहले तो फोन किसी और को पकड़ा देता था, अब उठाता ही नहीं है।
5. अब PARSEC की कहानीः-
जो सुविधाएं शुरु से उपलब्ध बतायीं गयीं थी:-
अ. एस.एम.एस.
ब. रेलवे सर्विसेस-(जिसके तहत रेलवे टिकट बुकिंग का वायदा देकर पार्सेक बेचा गया और जो अभी 10 महीने बीत जाने पर भी नहीं शुरु हुई।)
स. गिफ्ट अ सौंग
द. क्रिकेट
य. मूवी ज़ोन
र. भक्ति सागर
ल. डेटिंग
व. ईज़ी रीचार्ज ( जिसके तहत उस वक्त सिर्फ टाटा और रिलायंस के रीचार्ज उपलब्ध थे उनमें भी तरह-तरह की परेशानियां आती थी।)
सुविधाएं जो शीघ्र उपलब्ध कराई जानीं थीं-
क. बिल पेमेंट ( जिसके तहत अब जाकर काम शुरु हुआ है। उसमें भी एम.टी.एन.एल. के व बिजली, पानी के बिल नहीं जमा हो रहे, कोई भी बिल चैक से जमा करने की सुविधा नहीं है। इन सभी चीजों का वायदा किया गया था।)
ख. एयर लाइन बुकिंग
ग. पी. ओ. एस.
घ. गेमिंग
अब दिलचस्प लेकिन दुखद तथ्य यह है कि अब जाकर कुछ सुविधाएं आधी-अधूरी, कच्ची-पक्की सी शुरु हुई हैं।
10 माह से अपने ग्राहकों से वायदे करते हम खुद उनकी निगाह में हास्यास्पद और अविश्वसनीय से बन गए हैं। दुकान की पहले से बनी साख दाव पर है। टाटा का यह अद्भुत प्रयोग है कि कनेक्शन पहले बांट दिए गए और उसकी सेवाएं, गुणवत्ताएं, क्षमताएं आदि 1 साल बाद तक शुरु की जा रही हैं, आज़माई जा रही हैं, जाँची-परखी जा रही हैं। आए दिन सॉफ्टवेयर करप्ट हो जाते हैं। अभी तक पार्सेक पर एम.टी.एन.एल. से इनकमिंग की सुविधा नहीं शुरु हुई। एम. टी.एन.एल. से फोन करने वाले कहते हैं कि आपने हमे जाली नंबर दे दिया है। ऊपर से आलम यह है कि नए दुकानदारों को यही कनेक्शन 7000/- में दिया जा रहा है जिसमें कि टॉक टाइम भी है। जबकि हमसे POS सुविधा (जिसमें क्रेडिट कार्ड स्वाइप होता है, और जिसके बिना एयर लाइन टिकटिंग, रेलवे टिकटिंग, बिल पेमेंट जैसे काम लगभग नामुमकिन हैं।) शुरु करने के भी 1000/- अलग से मांगे जा रहे हैं। यानि हम उन चूहों की तरह हैं जिनपर 10-12 महीने एक्सपेरीमेंट किए गए और नए दुकानदार इंसान हैं जिन्हें इन प्रयोगों की सफलता (?) का फायदा मिल रहा है।
मेरा टाटा से अनुरोध है कि मेरी समस्त धनराशि ब्याज सहित यथाशीघ्र वापिस करे। पार्सेक की सेवाएं यथाशीघ्र दुरुस्त करे। अन्यथा मैं यथासम्भव कानूनी कार्यवाही करने को विवश होऊँगा।
सधन्यवाद
-संजय ग्रोवर
76ए, पॉकेट एल,
दिलशाद गार्डन,
दिल्ली-110095
संलग्न:-
1. एग्रीमेंट की फोटोप्रति
2. बूथ पर वादाखिलाफी पर सेल्समेन संतोष सिन्हा की हस्ताक्षर सहित स्वीकृति की फोटोप्रति
3. उक्त मसले पर कंपनी के कनाट प्लेस, दिल्ली कार्यालय को भेजे गए पंजीकृत पत्र की प्रति व अन्य साक्ष्य
4. 2493/- बकाया राशि के साक्ष्य की फोटो प्रति
5. क्रिकेट हंगामा योजना के स्कोर कार्ड की फोटोप्रति
6. रिट्रीवल रिसीट की फोटो प्रति
7. पार्सेक के ब्रोशर की फोटोप्रति
8. भेजे गए फैक्सों के साक्ष्य
9. कुछ अन्य साक्ष्य
सभी साक्ष्य अदालत में प्रस्तुत किए जाएंगे। आपको अभी ज़रुरत हो तो कृपया लिखें।
COPY TO:-
टाटा टेलिसर्विसेज़ लि.,
5-9-62, के. एल. के. ऐस्टेट, फतेह मैदान रोड,
हैदराबाद-500 001
उक्त पत्र मैं 25-01-2010 को टाटा टेलिसर्विसेज़ लि. को हैदराबाद के पते पर भेज चुका हूं
जिसका कोई जवाब आज तक नहीं आया। चूंकि इस बीच आए दिन टाटा के डिस्ट्रीब्यूटर बदलते/बंद होते रहे सो थक-हार कर मेरे पास पत्र भेजने के अलावा कोई चारा न रहा। जिस तरह की अनियमितताएं हुईं, डिस्ट्रीब्यूटरों पर विश्वास करने का कोई अर्थ भी नहीं रह गया है।
इसके बाद एक दिन (07-03-2010) घर आकर एक व्यक्ति दो अन्य कनेक्शन (011-69907174 व 75) भी इस आश्वासन के साथ ले गया कि सारी राशि एक साथ भेज दी जाएगी। उनकी भी सिक्योरिटी नहीं आयी है। वह तो पारसेक भी मांग रहा था मगर मैंने नहीं दिया।
यह पत्र 20-11-2010 को delhigovtmediation@gmail.com ईमेल पते पर भेजा गया। इसी तिथि के जनसत्ता में छपे एक विज्ञापन से यह ईमेल लिया गया।
मैंने जब टाटा का पी. सी. ओ. लिया, मेरे मन में टाटा घराने की निहायत उम्दा छवि थी। आज जब पारसेक के बारे में ठीक से कोई जानकारी नहीं मिल पा रही, मेरी परेशानी बढ़ती जा रही है। मुझे नहीं पता कि यह सब श्री रतन टाटा की जानकारी में है या नहीं पर यह अत्यंत कष्टदायी है। छवि के विपरीत हुआ यह है कि मेरे एम.टी.एन.एल के सभी पी.सी.ओ. की सिक्योरिटी राशि दो से चार माह के भीतर वापस मिल गयी जबकि टाटा के किसी भी कनेक्शन का एक भी पैसा वापस नहीं आया।
टाटा पब्लिक फोन और पारसेक से संबंधित कुछ लिंक :
PTB (Public Telephony Booth)
tata indicom parsec Complaints - not respones
Tata Indicom launches ‘Parsec’अंततोगत्वा मैंने दिल्ली मीडिएशन सेंटर में यह केस दर्ज़ कराया, जबकि एक सीनियर वक़ील और एक युवा वक़ील ने कह दिया था कि इस केस में कुछ नहीं रखा.
मगर मैं तीन-चार महीने में 29000 रु वापस लेकर लौटा.
विस्तृत वर्णन भी करुंगा.
(17-02-2021)
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