tag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post774363014942291967..comments2023-09-13T20:34:42.779+05:30Comments on saMVAdGhar संवादघर: ग़ज़ल जो ढंग से नहीं छपी ! यहां छपी क्या खू़ब छपी !Sanjay Groverhttp://www.blogger.com/profile/14146082223750059136noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-87112246505557643752009-09-08T09:12:51.900+05:302009-09-08T09:12:51.900+05:30"खो के पाना पा के खोना खेल जैसा हो गया,
लुत्फ़..."खो के पाना पा के खोना खेल जैसा हो गया,<br />लुत्फ़ जीने की सज़ाओं में कोई ऐसा मिला|<br /><br />खो गए थे मेरे जो वो सारे सुर वापिस मिले,<br />एक सुर उसकी सदाओं में कोई ऐसा मिला|"<br />ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगीं...बहुत बहुत बधाई...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-11645518660787111162009-09-02T14:05:02.344+05:302009-09-02T14:05:02.344+05:30megh asha ka ghatao me koi aisa mila.......
wah!g...megh asha ka ghatao me koi aisa mila.......<br /> wah!grover sahab kitna narm ahasas hai in shabdo me........badhai swikareसंदीप https://www.blogger.com/profile/07690339282686806810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-7423066712935522282009-08-25T20:38:51.086+05:302009-08-25T20:38:51.086+05:30फ़िर महक आई हवाओं में कोई ऐसा मिला...आपका अन्दाजें...फ़िर महक आई हवाओं में कोई ऐसा मिला...आपका अन्दाजें बयां कुछ और है ...भाव एक शिखर पर ले जातें हें जहाँ से लौटने का मतलब एक लाचारी और यंत्रणा से गुजरना होता है ....आपको हंस में हमेशा ही पढ़ती रही हूँ ...कुछ गजलों का प्रकाशन भी किया थाविधुल्लताhttps://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-10756172440632925292009-08-22T18:42:40.163+05:302009-08-22T18:42:40.163+05:30बहुत खूब अंदाज है रेत में भी बीज बो देने का मन होन...बहुत खूब अंदाज है रेत में भी बीज बो देने का मन होने लगा...हरि जोशीhttp://irdgird.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-79058150478976714092009-08-21T21:23:46.015+05:302009-08-21T21:23:46.015+05:30वाह..वाह.. ग्रोवर जी।
बहुत खूब गज़ल लिखी है।
बधाई।...वाह..वाह.. ग्रोवर जी।<br />बहुत खूब गज़ल लिखी है।<br />बधाई।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-70135318886931977922009-08-21T14:35:25.503+05:302009-08-21T14:35:25.503+05:30रेत में भी बीज बो देने का मन होने लगा
मेघ आशा का घ...रेत में भी बीज बो देने का मन होने लगा<br />मेघ आशा का घटाओं में कोई ऐसा मिला<br />क्या बात है. आपकी गज़लें सचमुच बहुत सुन्दर होतीं हैं.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-15885905226137477642009-08-21T10:48:29.710+05:302009-08-21T10:48:29.710+05:30पढ़ने वाले भर गए थे, फूल के एहसास से |
प्यार में ख...पढ़ने वाले भर गए थे, फूल के एहसास से |<br />प्यार में खोकर लिखी है, ये ग़ज़ल ऐसा लगा |अर्कजेशhttp://www.arkjesh.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-37362577464405435902009-08-21T10:12:17.688+05:302009-08-21T10:12:17.688+05:30खो के पाना पा के खोना खेल जैसा हो गया
लुत्फ़ जीने क...खो के पाना पा के खोना खेल जैसा हो गया<br />लुत्फ़ जीने की सज़ाओं में कोई ऐसा मिला<br /><br />अच्छी गजल संजय जी। <br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-77766067026016994292009-08-20T22:56:15.383+05:302009-08-20T22:56:15.383+05:30bohut sunder......हमको बीमारी भली लगने लगी, ऐसा भी...bohut sunder......हमको बीमारी भली लगने लगी, ऐसा भी था<br />दर्द मीठा-सा, दवाओं में कोई ऐसा मिला....डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-90724163081911627772009-08-20T21:50:02.987+05:302009-08-20T21:50:02.987+05:30चलो आज फिर मन बाग़-बाग़ हो गया....आज फिर हमें कोई ...चलो आज फिर मन बाग़-बाग़ हो गया....आज फिर हमें कोई ग़ज़ल-ख्वाहं मिला....!!<br />हमने उसकी हर नज़र उतार दी अगर ...कोई भी जो रस्ते में हमें गता हुआ मिला...!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.com