tag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post7709630115968419505..comments2023-09-13T20:34:42.779+05:30Comments on saMVAdGhar संवादघर: दमित-विमर्शSanjay Groverhttp://www.blogger.com/profile/14146082223750059136noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-505850165018648112009-11-19T09:20:27.178+05:302009-11-19T09:20:27.178+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-84406144850133800502009-11-18T22:49:35.250+05:302009-11-18T22:49:35.250+05:30मै यहां एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कृपया इ...मै यहां एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कृपया इस बात को ज़रुर ध्यान में रखें कि यहां मैंने ‘दमित’ शब्द का इस्तेमाल किया है। और इसका किसी लिंग विशेष से कोई लेना-देना नहीं होता। यह बिलकुल सही है कि विश्व भर में जो भी सामाजिक व्यवस्थाएं बनीं सभी में, कम या ज़्यादा, स्त्रियों को ही अपनी सहज-प्राकृतिक इच्छाओं/भावनाओं/ज़रुरतों का दमन करना पड़ा। मगर जैसे-जैसे समाज खुल रहा है, तथ्य बाहर आ रहे हैं, हम देख रहे हैं कि दलितों, शूद्रों, अश्वेतों से लेकर लैंगिक विकलांगों और समलैंगिकों तक, दमित लोगों की एक लंबी कतार है। और अगर पारिवारिेक माहौल या आनुवंशिक कारणों का हाथ या साथ हो तो कई बार दबंग स्त्रियां भी किसी पुरुष को दमित जीवन जीने पर विवश कर सकती हैं, हांलांकि ऐसा अपवाद के तौर पर ही होता है, पर होता है। इन्हीं स्त्रियों का दूसरा रुप वे महिलाएं होती हैं, जिनकी कामना एक्स वाई ज़ेड ने इस पोस्ट में की है। मैं व्यक्तिगत तौर पर ऐसी कुछ महिलाओं को जानता हूं, संभवतः आप ने भी ऐसी महिलाएं देखी हों। उदाहरण चाहें तो देशकाल.काम पर आज ही प्रकाशित मुक्तिबोध का पत्नी-प्रसंग पढ़ सकते हैं।(http://www.deshkaal.com/Details.aspx?nid=171120099414496)<br /> वैसे भी जब स्त्री-पुरुष समानता पूरे तौर पर आ जाएगी तो इन बातों का कोई मतलब नहीं रह जाएगा कि कौन मदद मांग रहा है और कौन मदद दे रहा है। स्त्री सशक्त क्यों है और पुरुष कमज़ोर क्यों हैं, ऐसी बातें गर्व या शर्म की परिधि से बाहर निकल जाएंगीं। बल्कि कमज़ोरी या ताकत की परिभाषाएं भी बदलेंगीं। जिस तरह एक स्त्री को खाना बनाना न आना कोई मुंह छुपाने की बात नहीं होगी ठीक उसी तरह एक पुरुष को ड्रायविंग न आना भी कोई डूब मरने जैसी बात नहीं होगी। यह पोस्ट उसी तरफ़ इशारा करती है।Sanjay Groverhttps://www.blogger.com/profile/14146082223750059136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-32143068717106366222009-11-17T18:00:41.346+05:302009-11-17T18:00:41.346+05:30ऐसे मामलों में केस को समझे बिना कुछ कहना जल्दबाजी...ऐसे मामलों में केस को समझे बिना कुछ कहना जल्दबाजी होगी । <br />फिर भी शादी लोगों को इस तरह के मौके ज्यादा हैं ।अर्कजेशhttp://www.arkjesh.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-70218064002829925422009-11-16T15:33:05.332+05:302009-11-16T15:33:05.332+05:30ये लड़की कहीं मिल जाए तो उसका पता मुझे भी देना क्य...ये लड़की कहीं मिल जाए तो उसका पता मुझे भी देना क्यूँ की मैं भी येही सपना देख रहा हूँ...ना जाने कब से...:))<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-38324999428185188732009-11-15T23:40:44.917+05:302009-11-15T23:40:44.917+05:30wah sanjy ji ! ye to had kar
aapne ..abhi tak हुक...wah sanjy ji ! ye to had kar <br />aapne ..abhi tak हुक्का pani<br />band nhi huaa !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-52068595639024872492009-11-15T10:34:01.289+05:302009-11-15T10:34:01.289+05:30भविष्य के दमितों की अभी से चिंता. वाह रे दमित विमर...भविष्य के दमितों की अभी से चिंता. वाह रे दमित विमर्शप्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-88888343404354784582009-11-14T19:22:01.309+05:302009-11-14T19:22:01.309+05:30बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! बिल्कुल सही फ़रमाया है!...बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! बिल्कुल सही फ़रमाया है!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-61437187592247131052009-11-14T11:19:09.974+05:302009-11-14T11:19:09.974+05:30aksa diwane hi sachi baat karte hai...ye kalpana t...aksa diwane hi sachi baat karte hai...ye kalpana to sachi honi chahiye......डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-91596781146963338212009-11-13T23:05:49.977+05:302009-11-13T23:05:49.977+05:30कल्पना तो अच्छी है, लेकिन साकार नहीं हो पायेगी.
आ...कल्पना तो अच्छी है, लेकिन साकार नहीं हो पायेगी. <br />आपकी बात, दीवाने की बात कहलायेगी.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4199775936001289890.post-87740728500600648562009-11-13T19:39:17.654+05:302009-11-13T19:39:17.654+05:30वाह संजय जी आपने क्या बात कही है .. कब वो दिन आएगा...वाह संजय जी आपने क्या बात कही है .. कब वो दिन आएगा<br /><br />जब ऐसा होगा लगता है आप किसी और लोक में हाल ही में घूमकर आयें हैं नहीं तो इतनी बहकी बहकी बातें न करतेप्रज्ञा पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/03650185899194059577noreply@blogger.com