रविवार, 14 अप्रैल 2013

पिण्ड छोड़ भी कविता


चलो आज कुछ बता ही दिया जाए
कविता की पैदाइश के बारे में

उम्र, तजुर्बे और प्रतिष्ठा की ऊँची मीनार पर चढ़े
पिता के
भारी-भरकम आदेश, उपदेश और झिड़कियां
गिरते हैं मुझपर
रह-रहकर

मेरे ज़ख्मों से रिसती है कविता

बस-कंडक्टर की भाषा
ब्रेक फेल हुए ट्रक की तरह
चढ़ दौड़ती है मेरी घबराई छाती पर

पंक्चर टायर से हवा की तरह
निकल जाती है कविता
( कहीं ‘फुस्स’ तो नहीं हो जाती )

दिल्ली में घूमता हूं
दफ्तर दर दफ्तर
संपादक सब उड़ रहे हैं अपने-अपने कमरों में
कमरे में इतनी भी जगह नहीं कि
अपने सारे चेहरों को अलग-अलग रख सके
तो लगाएं हैं एक के ऊपर एक
सबकी नज़रें हैं आसमान पर
सब बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं
मैं मक्खी सा भिनक कर पहुंचता हूँ
उनकी नाक तक
मेरी भिनभिनाहट से जैसे
कोई टेप अपने आप ही बज उठता है
सरकाता है नपे-तुले वाक्य नपी-तुली ख़ुशबू के साथ
संपादकीय प्रतिबद्धता और निष्प्पक्षता के पक्ष में

शालीन गालियां बनकर
रद्दी काग़ज़ पर गिरती है कविता
कराहते हुए

इधर मैं बैठा  हूँ उस दिन के इन्तज़ार  में
जब विदा हो रही होगी ऐसी कोई कविता
और मैं होऊंगा स्वतंत्र और उन्मुक्त
गर्मजोशी से हाथ हिला और मिलाकर
यह कहने के लिए
‘अलविदा कविता’

-संजय ग्रोवर

रचना तिथि: 10-09-1994

18 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    नवरात्रों की बधाई स्वीकार कीजिए।

    जवाब देंहटाएं
  2. कटु यथार्थ की बेबाक बयानी के साथ एक बेहतरीन कविता ! शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  3. Greetings!
    If you're looking for an excellent way to convert your Blog visitors into revenue-generating customers, join the PayOffers.in Ad Network today!
    PayOffers India which is one of the fastest growing Indian Ad Network.
    Why to Join PayOffers India?
    * We Make Your Blog Into Money Making Machine.
    * Promote Campaigns With Multiple Size Banner Ads.
    * Top Paying and High Quality Campaigns/Offers...
    * Earn Daily & Get Paid Weekly Through check,Bank deposit.
    * 24/7, 365 Days Online Customer Support.
    Click here and join now the PayOffers India Ad Network for free:
    http://payoffers.co.in/join.php?pid=21454
    For any other queries please mail us at Neha@PayOffers.co.in
    With Regards
    Neha K
    Sr.Manager Business Development
    Neha@PayOffers.co.in
    www.payoffers.co.in
    Safe Unsubscribe, You are receiving this relationship message, if you don't want to receive in the future, Reply to Unsubscribe@PayOffers.co.in Unsubscribe

    जवाब देंहटाएं
  4. dil ka dard bayaan karne ke adbhut tarike ne... likhwa di ek kavita ye bhi..

    जवाब देंहटाएं
  5. wah bahut khoob.....bahut alag sa....apne dard ko is tareekay say bayan kiya ki kya kahu

    जवाब देंहटाएं
  6. कभी अलविदा ना कहना

    जवाब देंहटाएं
  7. कडुवे सच को सहजता से कह दिया ...
    लाजवाब ...

    जवाब देंहटाएं
  8. आखिर कविता ने पिंड नहीं ही छोड़ा! बहुत लाजवाब! इतनी पुरानी पर बिलकुल ताज़ा... आज के यथार्थ को भी बयान करती... बधाई.

    जवाब देंहटाएं

कहने को बहुत कुछ था अगर कहने पे आते....

देयर वॉज़ अ स्टोर रुम या कि दरवाज़ा-ए-स्टोर रुम....

ख़ुद फंसोगे हमें भी फंसाओगे!

Protected by Copyscape plagiarism checker - duplicate content and unique article detection software.

ढूंढो-ढूंढो रे साजना अपने काम का मलबा.........

#girls #rape #poetry #poem #verse # लड़कियां # बलात्कार # कविता # कविता #शायरी (1) अंतर्द्वंद (1) अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (1) अंधविश्वास (1) अकेला (3) अनुसरण (2) अन्याय (1) अफ़वाह (1) अफवाहें (1) अर्थ (1) असमंजस (2) असलियत (1) अस्पताल (1) अहिंसा (3) आंदोलन (4) आकाश (1) आज़ाद (1) आतंकवाद (2) आत्म-कथा (2) आत्मकथा (1) आत्मविश्वास (2) आत्मविश्वास की कमी (1) आध्यात्मिकता (1) आभास (1) आरक्षण (3) आवारग़ी (1) इंटरनेट की नयी नैतिकता (1) इंटरनेट पर साहित्य की चोरी (2) इंसान (4) इतिहास (2) इमेज (1) ईक़िताब (1) ईमानदार (1) ईमानदारी (2) ईमेल (1) ईश्वर (5) उत्कंठा (2) उत्तर भारतीय (1) उदयप्रकाश (1) उपाय (1) उर्दू (1) उल्टा चोर कोतवाल को डांटे (1) ऊंचा (1) ऊब (1) एक गेंद करोड़ों पागल (1) एकतरफ़ा रिश्ते (1) ऐंवेई (2) ऐण्टी का प्रो (1) औरत (2) औरत क्या करे (3) औरत क्या करे ? (3) कचरा (1) कट्टरपंथ (2) कट्टरपंथी (1) कट्टरमुल्लापंथी (1) कठपुतली (1) कन्फ्यूज़न (1) कमज़ोर (1) कम्युनिज़्म (1) कर्मकांड (1) कविता (68) कशमकश (2) क़ागज़ (1) क़ाग़ज़ (1) कार्टून (3) काव्य (5) क़िताब (1) कुंठा (1) कुण्ठा (1) क्रांति (1) क्रिकेट (2) ख़ज़ाना (1) खामख्वाह (2) ख़ाली (1) खीज (1) खेल (2) गज़ल (5) ग़जल (1) ग़ज़ल (28) ग़रीबी (1) गांधीजी (1) गाना (7) गाय (2) ग़ायब (1) गीत (7) गुंडे (1) गौ दूध (1) चमत्कार (2) चरित्र (4) चलती-फिरती लाशें (1) चांद (2) चालाक़ियां (1) चालू (1) चिंतन (2) चिंता (1) चिकित्सा-व्यवस्था (1) चुनाव (1) चुहल (2) चोरी और सीनाज़ोरी (1) छंद (1) छप्पर फाड़ के (1) छोटा कमरा बड़ी खिड़कियां (3) छोटापन (1) छोटी कहानी (1) छोटी बहर (1) जड़बुद्धि (1) ज़बरदस्ती के रिश्ते (1) जयंती (1) ज़हर (1) जागरण (1) जागरुकता (1) जाति (1) जातिवाद (2) जानवर (1) ज़िंदगी (1) जीवन (1) ज्ञान (1) झूठ (3) झूठे (1) टॉफ़ी (1) ट्रॉल (1) ठग (1) डर (4) डायरी (2) डीसैक्सुअलाइजेशन (1) ड्रामा (1) ढिठाई (2) ढोंगी (1) तंज (1) तंज़ (10) तमाशा़ (1) तर्क (2) तवारीख़ (1) तसलीमा नसरीन (1) ताज़ा-बासी (1) तालियां (1) तुक (1) तोते (1) दबाव (1) दमन (1) दयनीय (1) दर्शक (1) दलित (1) दिमाग़ (1) दिमाग़ का इस्तेमाल (1) दिल की बात (1) दिल से (1) दिल से जीनेवाले (1) दिल-दिमाग़ (1) दिलवाले (1) दिशाहीनता (1) दुनिया (2) दुनियादारी (1) दूसरा पहलू (1) देश (2) देह और नैतिकता (6) दोबारा (1) दोमुंहापन (1) दोस्त (1) दोहरे मानदंड (3) दोहरे मानदण्ड (14) दोहा (1) दोहे (1) द्वंद (1) धर्म (1) धर्मग्रंथ (1) धर्मनिरपेक्ष प्रधानमंत्री (1) धर्मनिरपेक्षता (4) धारणा (1) धार्मिक वर्चस्ववादी (1) धोखेबाज़ (1) नकारात्मकता (1) नक्कारखाने में तूती (1) नज़रिया (1) नज़्म (4) नज़्मनुमा (1) नफरत की राजनीति (1) नया (3) नया-पुराना (1) नाटक (2) नाथूराम (1) नाथूराम गोडसे (1) नाम (1) नारा (1) नास्तिक (6) नास्तिकता (2) निरपेक्षता (1) निराकार (3) निष्पक्षता (1) नींद (1) न्याय (1) पक्ष (1) पड़़ोसी (1) पद्य (3) परंपरा (5) परतंत्र आदमी (1) परिवर्तन (4) पशु (1) पहेली (3) पाखंड (8) पाखंडी (1) पाखण्ड (6) पागलपन (1) पिताजी (1) पुण्यतिथि (1) पुरस्कार (2) पुराना (1) पेपर (1) पैंतरेबाज़ी (1) पोल (1) प्रकाशक (1) प्रगतिशीलता (2) प्रतिष्ठा (1) प्रयोग (1) प्रायोजित (1) प्रेम (2) प्रेरणा (2) प्रोत्साहन (2) फंदा (1) फ़क्कड़ी (1) फालतू (1) फ़िल्मी गाना (1) फ़ेसबुक (1) फ़ेसबुक-प्रेम (1) फैज़ अहमद फैज़्ा (1) फ़ैन (1) फ़ॉलोअर (1) बंद करो पुरस्कार (2) बच्चन (1) बच्चा (1) बच्चे (1) बजरंगी (1) बड़ा (2) बड़े (1) बदमाशी (1) बदलाव (4) बयान (1) बहस (15) बहुरुपिए (1) बात (1) बासी (1) बिजूके (1) बिहारी (1) बेईमान (2) बेईमानी (2) बेशर्मी (2) बेशर्मी मोर्चा (1) बेहोश (1) ब्लाॅग का थोड़ा-सा और लोकतंत्रीकरण (3) ब्लैकमेल (1) भक्त (2) भगवान (2) भांड (1) भारत का चरित्र (1) भारत का भविष्य (1) भावनाएं और ठेस (1) भाषणबाज़ (1) भीड़ (5) भ्रष्ट समाज (1) भ्रष्टाचार (5) मंज़िल (1) मज़ाक़ (1) मनोरोग (1) मनोविज्ञान (5) ममता (1) मर्दानगी (1) मशीन (1) महात्मा गांधी (3) महानता (1) महापुरुष (1) महापुरुषों के दिवस (1) मां (2) मातम (1) माता (1) मानवता (1) मान्यता (1) मायना (1) मासूमियत (1) मिल-जुलके (1) मीडिया का माफ़िया (1) मुर्दा (1) मूर्खता (3) मूल्य (1) मेरिट (2) मौक़ापरस्त (2) मौक़ापरस्ती (1) मौलिकता (1) युवा (1) योग्यता (1) रंगबदलू (1) रचनात्मकता (1) रद्दी (1) रस (1) रहस्य (2) राज़ (2) राजनीति (5) राजेंद्र यादव (1) राजेश लाखोरकर (1) रात (1) राष्ट्र-प्रेम (3) राष्ट्रप्रेम (1) रास्ता (1) रिश्ता और राजनीति (1) रुढ़ि (1) रुढ़िवाद (1) रुढ़िवादी (1) लघु व्यंग्य (1) लघुकथा (10) लघुव्यंग्य (4) लालच (1) लेखक (1) लोग क्या कहेंगे (1) वात्सल्य (1) वामपंथ (1) विचार की चोरी (1) विज्ञापन (1) विवेक (1) विश्वगुरु (1) वेलेंटाइन डे (1) वैलेंटाइन डे (1) व्यंग्य (87) व्यंग्यकथा (1) व्यंग्यचित्र (1) व्याख्यान (1) शब्द और शोषण (1) शरद जोशी (1) शराब (1) शातिर (2) शायद कोई समझे (1) शायरी (55) शायरी ग़ज़ल (1) शेर शायर (1) शेरनी का दूध (1) संगीत (2) संघर्ष (1) संजय ग्रोवर (3) संजयग्रोवर (1) संदिग्ध (1) संपादक (1) संस्थान (1) संस्मरण (2) सकारात्मकता (1) सच (4) सड़क (1) सपना (1) समझ (2) समाज (6) समाज की मसाज (37) सर्वे (1) सवाल (2) सवालचंद के चंद सवाल (9) सांप्रदायिकता (5) साकार (1) साजिश (1) साभार (3) साहस (1) साहित्य (1) साहित्य की दुर्दशा (6) साहित्य में आतंकवाद (18) सीज़ोफ़्रीनिया (1) स्त्री-विमर्श के आस-पास (18) स्लट वॉक (1) स्वतंत्र (1) हमारे डॉक्टर (1) हयात (1) हल (1) हास्य (4) हास्यास्पद (1) हिंदी (1) हिंदी दिवस (1) हिंदी साहित्य में भीड/भेड़वाद (2) हिंदी साहित्य में भीड़/भेड़वाद (5) हिंसा (2) हिन्दुस्तानी (1) हिन्दुस्तानी चुनाव (1) हिम्मत (1) हुक्मरान (1) होलियाना हरकतें (2) active deadbodies (1) alone (1) ancestors (1) animal (1) anniversary (1) applause (1) atheism (1) audience (1) author (1) autobiography (1) awards (1) awareness (1) big (2) Blackmail (1) book (1) buffoon (1) chameleon (1) character (2) child (2) comedy (1) communism (1) conflict (1) confusion (1) conspiracy (1) contemplation (1) corpse (1) Corrupt Society (1) country (1) courage (2) cow (1) cricket (1) crowd (3) cunning (1) dead body (1) decency in language but fraudulence of behavior (1) devotee (1) devotees (1) dishonest (1) dishonesty (2) Doha (1) drama (3) dreams (1) ebook (1) Editor (1) elderly (1) experiment (1) Facebook (1) fan (1) fear (1) forced relationships (1) formless (1) formless god (1) friends (1) funny (1) funny relationship (1) gandhiji (1) ghazal (20) god (1) gods of atheists (1) goons (1) great (1) greatness (1) harmony (1) highh (1) hindi literature (4) Hindi Satire (11) history (2) history satire (1) hollow (1) honesty (1) human-being (1) humanity (1) humor (1) Humour (3) hypocrisy (4) hypocritical (2) in the name of freedom of expression (1) injustice (1) inner conflict (1) innocence (1) innovation (1) institutions (1) IPL (1) jokes (1) justice (1) Legends day (1) lie (3) life (1) literature (1) logic (1) Loneliness (1) lonely (1) love (1) lyrics (4) machine (1) master (1) meaning (1) media (1) mob (3) moon (2) mother (1) movements (1) music (2) name (1) neighbors (1) night (1) non-violence (1) old (1) one-way relationships (1) opportunist (1) opportunistic (1) oppotunism (1) oppressed (1) paper (2) parrots (1) pathetic (1) pawns (1) perspective (1) plagiarism (1) poem (12) poetry (29) poison (1) Politics (1) poverty (1) pressure (1) prestige (1) propaganda (1) publisher (1) puppets (1) quarrel (1) radicalism (1) radio (1) Rajesh Lakhorkar (1) rationality (1) reality (1) rituals (1) royalty (1) rumors (1) sanctimonious (1) Sanjay Grover (2) SanjayGrover (1) satire (30) schizophrenia (1) secret (1) secrets (1) sectarianism (1) senseless (1) shayari (7) short story (6) shortage (1) sky (1) sleep (1) slogan (1) song (10) speeches (1) sponsored (1) spoon (1) statements (1) Surendra Mohan Pathak (1) survival (1) The father (1) The gurus of world (1) thugs (1) tradition (3) trap (1) trash (1) tricks (1) troll (1) truth (3) ultra-calculative (1) unemployed (1) values (1) verse (6) vicious (1) violence (1) virtual (1) weak (1) weeds (1) woman (2) world (2) world cup (1)